सुखोचक - 2
कन्हैया के भाई किशोरी लाल ने रेडियो चालू किया था, और वहाँ नेहरू का भाषण चल रहा था देश की स्वतंत्रता की बधाई का । तभी, रेडियो पर भाषण पर्यन्त समाचार आने लगा। विभाजन हो गया था पंजाब का। और उसमें कई हिन्दू बहुल क्षेत्र भी पाकिस्तान में चले गए थे। साथ ही साथ, खून की होली शुरू हो गयी थी, और उसमें भी यह सुनने में आ रहा था के कई क्षेत्र जो जम्मू के निकट थे वो पाकिस्तान का भाग घोषित हुए थे। अचानक, चारों ओर से चीखने चिल्लाने के स्वर आने लगे। तकबीर के नारों के बीच मृत्यु तांडव करने लगी। हिन्दुओं और मुसलमानों के गुटों में मार काट आरम्भ हो गयी थी। किसी को भी नहीं पता था के सुखोचक हिंदुस्तान में सम्मिलित हुआ था या पाकिस्तान में, लेकिन मौत के नंगे नाच के समाचार जब लाहौर और अमृसतर से सुनाई दे रहे थे, और जम्मू तक उसके प्रभाव की तरंगें फैल रही थी, तो असंभव था के यहां शान्ति बानी रहती । किशोरी लाल ने और खबरों में सुना कैसे मीरपुर, कोटली और मुज़फ़्फ़राबाद से भी हिन्दू और सिखों को मौत के घात उतारा जा रहा था। शिवाला थोड़ी ही दूरी पर स्थित था, और उसके चारों ओर हिन्दुओं ने एक सुरक्षा रेखा खींच ली थी। मंदिर की सी